
मुरैना हत्याकांड : एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के बाद लेपा गांव में पसरा सन्नाटा
NAVODIT SAKTAWATUpdated Date: | Sun, 07 May 2023 12:17 AM (IST)Published Date: | Sun, 07 May 2023 12:16 AM (IST)

मुरैना। एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के बाद लेपा गांव में सन्नाटा पसरा है। हत्याकांड को किसी ने करीब से तो किसी ने बहुप्रसारित हुए वीडियो में देखा है। उस मंजर को अपने करीब का ही देख पूरे गांव में डर का ऐसा माहौल है कि सब कुछ शांत हैं और ऐसे में रह-रहकर गजेंद्र सिंह के घर से उठ रहीं परिवार के सदस्यों की चीख पुकार इस सन्नाटे को चीर रही है। गांव के हर मोहल्ले में चौपाल है, कहीं बरगद तो कहीं नीम के पेड़ पर चबूतरे बने हैं, जहां गांव के लोग मिलजुकर बैठते थे। इन चौपालों पर दिनभर चहलकदमी व शोर सुनाई देता था, लेकिन शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे जब गजेंद्र सिंह के परिवार के सदस्यों को गोलियों से भूना गया, तब से लोग घरों से बाहर निकलकर पड़ोसी से भी बात नहीं कर रहे। गांव की जिन दुकानों पर युवाओं का जमावड़ा रहता था, ऐसी कुछ दुकानें बंद हैं।
शुक्रवार की रात लेपा गांव के कल्याण सिंह तोमर के बेटे विपिन सिंह तोमर के लगन-फलदान का कार्यक्रम था। सुबह से ही रसोई बनाने के लिए हलवाई लग गए थे। कई तरह की मिठाई व अन्य पकवान तैयार हो चुके थे, लेकिन जैसे ही गांव में छह लोगों की हत्या की खबर फैली, स परिवार में चल रहीं शादी की खुशियां भी दब गईं। लड़की पक्ष से कुछ लोग पहुंचे और घर के अंदर लगन चढ़ाने की औपचारिकता पूरी की।
मासूमों ने दी मुखाग्नि, देखने वाले आंसू नहीं रोक पाए
हत्याकांड में कई बच्चों के सिर से माता या पिता का साया उठ गया। 10 साल के मासूम शिवा तोमर की मां केशकली की गोली लगने से मौत हो गई और पिता वीरेंद्र नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। मासूम शिवा ने जब अपनी मां केशकली के शव को मुखाग्नि दी तो देखने वाले भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। 12 साल के सचिन ने पिता संजू सिंह और चाचा सत्यप्रकाश को मुखाग्नि दी। सुनील सिंह ने पिता गजेंद्र और छह माह की गर्भवती पत्नी मधु के शव का अंतिम संस्कार किया। नरेंद्र सिंह ने पत्नी बबली का अंतिम संस्कार किया।
गांव में पुलिस तैनात
बदले की आग में हुए हत्याकांड के बाद गांव में पुलिस तैनात है। हालांकि, गजेंद्र तोमर के परिवार के तीन पुरुष सदस्यों की मौत हो चुकी है और दो लोग ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती हैं। परिवार में ज्यादातर रिश्तेदार पुरुष सदस्य ही घर पर मौजूद हैं, वहीं पड़ोस में रहने वाले आरोपित पक्ष के घर में केवल दो बुजुर्ग महिलाएं ही हैं। दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं। इसीलिए कोई भी किसी के पक्ष में आक्रोश व्यक्त नहीं कर रहा है। गांव में अब भी 80 से 90 पुलिसकर्मी तैनात हैं और आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रख रहे हैं।