छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों की ओर सादर पैलगी करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासियों अनुसूचित जनजाति / अनुसूचित जाति / अन्य पिछड़ा वर्गों के संवैधानिक आरक्षण एवं हिस्सेदारी को कम करने का छत्तीसगढ़ राज्य शासन एवं केन्द्रिय शासन के द्वारा लगातार पड़तंत्र किया जाता रहा है एवं इसी के तत्वाधान में अनुसूचित जन जाति जिनकी जनसंख्या छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 329% से अधिक है जिनकी
संविधान ने आरक्षण एवं राज्य में सम्पूर्ण हिस्सेदारी के लिए 32% का संवैधानिक अधिकार दिया गया था जिसे कुछ वर्गों के द्वारा राज्य के उच्च न्यायालय में चुनौती दिया गया था जिस पर वर्तमान राज्य शासन ने अपने षड्यंत्र के कार्यान्वयन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य शासन के तरफ से आरक्षण को पूर्ववत बहाल करने के
लिए समुचित पक्ष प्रस्तुत न कर प्रथम चरण के रूप में मूल निवासियों के हिस्सेदारी को कम करने का अपना मार्ग प्रदस्त कर रहा है। मूल निवासियों के हिस्सेदारी हेतु गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक दादा स्वर्गीय हीरा सिंह मरकाम ने पूर्व भाजपा शासन में निरंतर आंदोलन किये थे वही परिस्थति पैदा करते हुए
वर्तमान कांग्रेस शासन भी मूल निवासियों के संवैधानिक हिस्सेदारी पर डाका डाल रही है। केन्द्रिय शासन जिस पर भाजपा काबिज है मूलनिवासियों के हिस्सेदारी को समाप्त करने हेतु दूसरे चरण के रूप में दबे पांव
सभी सरकारी निकायों को निजीकरण कर रहा है। तृतीय चरण के रूप में भाजपा कांग्रेस एवं अन्य पार्टी के आशीर्वाद के रूप में पहले ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं पर निजी संस्थाओं का वर्चस्व हो
चूका है,अतः गोंडवाना गड़तंत्र पार्टी इस मंच एवं प्रेस के माध्यम से राज्य के मूल निवासियों के आरक्षण के पुनः बहाली हेतु कल दिनांक 16 नवंबर 2022 को बूढ़ा तालाब में राज्य व्यापी धरना प्रदर्शन करते हुए
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगी एवं आरक्षण के बहाली न करने पर भविष्य में गोंडवाना गड्तंत्र पार्टी मूल निवासियों के सम्पूर्ण हितों की रक्षा हेतु राज्यव्यापी आंदोलन करने हेतु बाध्य होगी।