
कोलकत्ता: पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता चटर्जी को कथित तौर पर शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. पार्टी ने कहा कि अगर मंत्री दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई होगी. अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये नकदी मिली है और बीजेपी इसको लेकर बंगाल सरकार के खिलाफ हमलावर है. तृणमूल ने एक आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा, “हम हालात को गहनता से देख रहे हैं और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. न्यायपालिका के फैसले के बाद, हम निर्णय लेने में सक्षम होंगे. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी या सरकार में किसी भी कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके बाद न्यायपालिका अपना फैसला लेकर आती है, तभी तृणमूल कांग्रेस कार्रवाई करेगी. हमारा मानना है कि इस खेल के पीछे भाजपा है. जिसने भी भाजपा में प्रवेश किया है वह अछूता रहा है और जो भी रुका है उसे परेशान किया जा रहा है.”ईडी ने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिलने के बाद अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है. अर्पिता के घर से जांच एजेंसी ने शुक्रवार को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद की थी. इसकी गिनती के लिए नोट गिनने वाली मशीनें और बैंक अधिकारियों को बुलाना पड़ा था. अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है. इससे पहले जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को गिरफ्तार कर चुकी है.अर्पिता मुखर्जी को पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है. प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामदगी के बाद कहा था, “इस राशि के शिक्षक भर्ती घोटाले से हुई कमाई होने का संदेह है.” इसके साथ ही अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी बरामद किए गए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के ठिकानों पर भी छापेमारी की है.