Chhattisgarh Digest News Digest ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
रायपुर. वन विभाग के अधिकारी जंगल सफारी की तरह राजधानी के पास खरोरा स्थित मनरेगा में नेचर सफारी के निर्माण में जुटे हुए है इसे 1 नवंबर से पर्यटकों के लिए शुरू करने की तैयारी चल रही है। करीब 14500 एकड़ में फैले प्राकृतिक जंगलको अत्याधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। इसके लिए कैंपा मद से 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य सरकार से तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद इसका काम चल रहा है।

पिछले एक वर्ष से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में विभागीय अमला जुटा है। दरअसल, मोहरेंगा में घना प्राकृतिक जंगल होने के कारण 2011 में वन विभाग ने योजना तैयार करने के बाद 2015 में इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने घेराबंदी करना शुरू किया था।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
मोहरेंगा में प्राकृतिक जंगल होने के कारण यहां हिरण, चीतल, सांभर, जंगली * के साथ ही अन्य छोटे वन्य प्राणियों का रोहतास स्थल है। बड़ी संख्या लेदर, औषधीय पौधों और हरी घास होने के कारण यहां वन्य जीव विचरण करते रहते है। इसे देखते हुए तितली पार्क के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग प्रजाति की पत्तियों को लाया जाएगा। वहीं पर्यटकों को आर्कषित करने और उनके मनोरंजन के लिए झूले भी लगाए जा रहे है।
बड़ी संख्या में वन्य प्राणियों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे इसके लिए चारों तरफ से मोहरेंगा को तार के बाड़े से घेरकर रखा गया है। यहां वन्य प्राणी स्वच्छ वातावरण में घूमते हुए देखे जा सकते है । वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शोरगुल के दूर शांत स्थान में प्राकृतिक जंगल देखने को मिलेगा।
वन्य प्राणियों का रहवास
मोहरेंगा स्थित नेचर सफारी को 1 नवंबर से शुरू करने की तैयारी चल रही है। प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद विभागीय अमला तेजी से काम करने में जुटा हुआ है। राकेश चतुर्वेदी, पीवीसी