
महासमुंद जिले में है शिक्षा व्यवस्था की दुर्गति:- जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर
जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में रखी बात
जिला पंचायत सदस्य जावेश्वर जुगनू चन्द्राकर ने जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में महासमुंद विकास खंड की शिक्षा व्यवस्था की गुर्गाति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महासमुंद विकास खंड अंतर्गत हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी विद्यालयों की एक पड़ताल उनके द्वारा किया गया है।
महासमुंद विकास खंड के 18 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया है जिसमें 5 हाई स्कूल, 11 हायर सेकेंडरी स्कूल, 1 बालिका हाई स्कूल, 1 बालिका हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल है जहाँ पर कुल 5107 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। कई ऐसे बच्चे हैं जो शत प्रतिशत अंक हासिल करने की लक्ष्य को लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन विडम्बना है कि शालाओं में अति आवश्यक विषय शिक्षकों की कमी है इन 18 शालाओं में कुल 59 विषय शिक्षकों की कमी है। लैब तकनीशियन, कम्प्यूटर शिक्षक, ग्रंथ पाल, भृत्य, सफाई कर्मचारी, प्राचार्य तक नहीं है। यहां तक कि अपना खुद का भवन के लिए 4 हाई स्कूल और 3 हायर सेकंडरी स्कूल तरस रहे हैं। अहाता निर्माण, साफ पेय जल व्यवस्था आदि का अभाव है।
एक तरफ शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के नाम पर नए नए तरीके अपनाते हैं लेकिन क्या बुनियादी सुविधाओं , विषय शिक्षकों के अभाव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना किया जा सकता है। किन किन विद्यालयों में क्या परिस्थिति है क्या कमी है इसके बारे में क्या निरीक्षण किया जाता है और यदि निरीक्षण किया जाता है तो प्राप्त शिकायत/सुझाव या समस्याओं पर कितनी गंभीरता से कार्यवाही किया जाता है?
अभी तक लगभग सभी स्कूल में अहाता निर्माण पूर्ण नहीं है सायकिल स्टेण्ड नहीं 95% हाई और हायर सेकंडरी स्कूल में बालिकाओं के लिए सेनेटरी पेड़ मशीन खराब पड़ा है हायर सेकेंडरी स्कूल में अलग अलग प्रायोगिक कक्ष नहीं और गुणवत्ता हीन प्रायोगिक सामग्री उच्च अधिकारियों द्वारा बिना मांग के भेजा जाता है कई स्कूल में बालिकाओं के लिए ओपन यूरिनल है,अछोला हाई स्कूल भवन स्कूल को हैंडओवर नहीं हुआ है और भोरिंग हाइयर सेकेंडरी स्कूल का 15 साल से भवन अधूरा पड़ा है सोरिद हाई स्कूल का भवन पास है लेकिन निमार्ण कार्य शुरुआत नहीं हुआ है
रायतुम हाइयर सेकेंडरी स्कूल स्वीकृत हो चुका है अभी तक नही बना जबकि पटेवा बिरकोनी और रायतुम एक साथ पास हुक था। कई स्कूल में ग्रामीण द्वारा अतिक्रमण किया गया है जैसे भोरिंग, झलप, नांदगांव सीमांकन करा कर स्कूल की जगह सुरक्षित करें कई स्कूल में खेल का मैदान नहीं है अगर है तो समतली करण नहीं है आहता नहीं होने के वजह से स्कूल छुट्टी के बाद शराबियों का अड्डा बन जाता है।
उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि मैंने तो केवल महासमुंद ब्लॉक के 18 विद्यालयों का पड़ताल किया है पूरे जिले की पड़ताल कर व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी आपकी है अगले बैठक तक मैं पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था की पड़ताल कर जिला पंचायत सामान्य सभा के समक्ष रखूंगा लेकिन आज जो समस्या आपके पास रखी है उसका अगले बैठक तक समाधान होना चाहिए।
