Friday, April 26, 2024

अमेरिका : 46वें राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन ने पलट दिए पूर्व राष्ट्रपति के ये बड़े फैसले…

अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन ने शपथ ले ली है. कामकाज संभालने के बाद ही जो बाइडेन एक्शन में आ गए और कई ऐसे फैसलों पर साइन किए, जिनकी लंबे समय से मांग चल रही थी. इसमें कोरोना वायरस, आव्रजन और जलवायु परिवर्तन के मामले में शामिल हैं.

भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. जैसा कि पहले से ही माना जा रहा था कि बाइडेन शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के कुछ फैसले पलट देंगे, वैसा ही हुआ.

बाइडेन ने शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद ही ‘पेरिस जलवायु’ समझौते में अमेरिका को पुन: शामिल करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए और अपने एक बड़े चुनावी वादे को पूरा किया. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया था.

जो बाइडेन ने कार्यभार संभालते ही ‘ग्लोबल वॉर्मिंग’ कम करने की वैश्विक लड़ाई में अमेरिका को फिर से शामिल कर दिया है. बाइडेन ने बुधवार को अपने पहले भाषण में कहा, ग्रह स्वयं ही खुद को बचाने की गुहार लगा रहा है. उन्होंने कहा, यह गुहार पहले कभी इतनी हताशा भरी और स्पष्ट नहीं थी.

पेरिस समझौते में शामिल 195 देशों और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए कार्बन प्रदूषण को कम करने और उनके जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन की निगरानी करने तथा उसकी जानकारी देने का लक्ष्य रखा गया है. चीन के बाद अमेरिका दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है.

बाइडेन ने लिए महत्वपूर्ण फैसले :

  • कोरोना महामारी पर कंट्रोल करने से जुड़े फैसले लिए, जिसमें उन्होंने मास्क को जरूरी कर दिया था.  
  • जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अमेरिका की वापसी पर फैसला लिया है. 
  • इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले पर भी रोक लगा दी है. 
  • बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को भी रोक दिया है, इसके साथ ही साथ इसके लिए फंडिंग भी रोक दी है. 
  • जिन मुस्लिम देशों के लोगों के आगमन पर ट्रंप ने बैन लगाया था उन्हें भी वापस लेने का फैसला किया है.
  • आम लोगों को आर्थिक मदद का ऐलान करने के साथ ही स्टूडेंट लोन की किस्त को सितंबर तक टाला गया है.

गौरतलब है कि बाइडेन ने शपथ के दौरान अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने की भी बात कही है. उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ आगे बढ़ने का समय है. अमेरिका एक महान देश है.   

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामले से खुद को अलग कर लिया था और पेरिस समझौते से भी अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन जो बाइडेन इस मामले को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए इसमें वापसी करने की बात कही है. 

कोरोना वायरस के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मतभेद हुए और उन्होंने खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ लिया. इसके बाद बाइडेन ने कहा था कि अगर वे वापस आते हैं तो WHO से नाता जोड़ेंगे. 

(इनपुट्स भाषा से) 

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