Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
भारत से दुनिया को अपेक्षा, इसलिए हमें अपने आपको योग्य बनाना आवश्यक.
नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद देश की जनता को देश आजाद के इस पावन पर्व पर बधाई दी. ध्वजारोहण के बाद उन्होंने कहा – आज जो स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं. मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों के त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने वाले वीर शहीदों का, फौज, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस के जवान जो सुरक्षा में लगे रहते हैं उनको नमन करने का पर्व है.
पीएम मोदी ने कहा कि – हम आज एक विशेष परिस्थिति से गुजर रहे हैं. आज छोटे-छोटे बच्चे यहां नजर नहीं आ रहे हैं. डॉक्टर-नर्सों और सभी कोरोना वारियर्स को नमन करता हूं. इस कोरोना के कालखंड में कई परिवार प्रभावित हुए हैं, कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. ऐसे परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. हम 130 करोड़ भारतवासी विजयी होकर रहेंगे. बाढ़ और भूस्खलन से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त करता हूं. ऐसी संकट की घड़ी में राज्य सरकार के साथ मिलकर मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि इस गुलामी के दौर में भारत की आत्मा को कुचलने की कोशिश की गई. हमारी संस्कृति को मिटाने के लिए शाम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल हुआ. कुछ लोगों को लगता था कि वे यहां राज करने वाले हैं. उन लोगों कि इतनी विविधिता वाला देश कभी एक होकर लड़ नहीं पाएगा. लेकिन जब देश पूरी ताकत के साथ एक साथ सामने आया तो आजादी हासिल कर ली.
PM ने कहा – गुलामी के इतने लंबे कालखंड में हर क्षेत्र से आजादी को लेकर ललकत उठी है. जवानी को जेलों में खपा दी. एक और सशस्त्र क्रांति और तो दूसरी ओर बापू का जन आंदोलन था. आज आजादी का पर्व वीर शहीदों को याद करने करने का दिन है. उनको याद करते हुए नए संकल्प लेना है. जब आजादी के 75 साल मना रहे होंगे तो अपने संकल्पों का भी पर्व मनाएंगे. हम उस दौर को जानते हैं जब विस्तारवादी लोगों ने झंडे गाड़ने में लगे हुए हैं उस समय भारत आजादी केंद्र बन गया. विस्तारवादी लोगों ने दुनिया को दो-दो विश्वयुद्ध में झोंक दिया. लेकिन भारत ने पूरी दुनिया में आजादी के लिए माहौल बनाया. भारत विस्तारवाद के लिए चुनौती बन गया.
कोरोना वैश्विक महामारी के बीच आत्मनिर्भर भारत का सपना अब संकल्प में परिवर्तित देख रहे हैं. हम जानते हैं कि जब मैं आत्मनिर्भर की बात करते हैं हम से कई लोगों ने परिवार में सुना है कि घर में लोग कहते हैं कि आप पैरों में खड़े हो जाओ. हम तो आजादी के 74वां साल बना रहे हैं. इसलिए अब भारत के लिए आत्मनिर्भर बनना अनिवार्य है. इस देश की प्रतिभा के लिए गर्व है और इतिहास गवाह है कि जब भारत एक बार ठान लेना तो वह करके रहता है. भारत से दुनिया को अपेक्षा है इसलिए हमें अपने आपको योग्य बनाना आवश्यक है.